NEET UG 2024 परीक्षा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने परीक्षा में आई गंभीर गड़बड़ियों को देखते हुए इंदौर और उज्जैन के कुछ छात्रों के लिए पुन: परीक्षा (Re-Test) कराने का निर्देश दिया है। दरअसल, 5 मई को आयोजित परीक्षा के दौरान इन दोनों शहरों में तेज बारिश के कारण बिजली बाधित हो गई थी, जिससे परीक्षार्थियों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को इन विद्यार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट ने पहले रोक दिया था रिजल्ट, अब दोबारा परीक्षा का रास्ता साफ
इस मामले में कई छात्र हाई कोर्ट पहुंचे थे और काफी समय से इस पर सुनवाई चल रही थी। पहले कोर्ट ने संबंधित छात्रों के रिजल्ट पर रोक लगाई थी, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि जिन छात्रों ने 3 जून से पहले याचिका दायर की थी, उन्हें दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यह याचिकाएं तब दाखिल की गई थीं जब उत्तर कुंजी (Answer Key) भी जारी नहीं हुई थी, इसलिए कोर्ट ने माना कि ये याचिकाएं सही समय पर की गई थीं और इनका उद्देश्य मौके का फायदा उठाना नहीं था।
इन परीक्षार्थियों का रिटेस्ट कराया जाएगा और इस परीक्षा के आधार पर ही उनकी रैंक और परिणाम तय किए जाएंगे। साथ ही इन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया में भी भाग लेने दिया जाएगा। कोर्ट ने NTA को इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने अनुभव के लिए लाइट बंद कर खुद महसूस की परेशानी
इस केस की अंतिम सुनवाई के दौरान, जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने परीक्षा के दौरान आई वास्तविक दिक्कतों को समझने के लिए कोर्ट रूम की लाइट करीब 15 मिनट तक बंद रखी। उन्होंने खुद यह महसूस किया कि प्राकृतिक रोशनी के बावजूद परीक्षा देना कितना कठिन होता है। इस अनुभव को कोर्ट ने अपने निर्णय में भी उल्लेखित किया है।
इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी पाया कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज की व्यवस्था नहीं थी, जबकि NTA के दिशानिर्देशों के अनुसार यह अनिवार्य था। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए ही कोर्ट ने दोबारा परीक्षा के आदेश दिए। इस केस की मुख्य याचिका अधिवक्ता मृदुल भटनागर के माध्यम से दाखिल की गई थी, जिसमें इंदौर और उज्जैन के परीक्षा केंद्रों की व्यवस्थागत खामियों को उजागर किया गया।